पारद शिवलिंग महत्व - An Overview
पारद शिवलिंग महत्व - An Overview
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हरियाणा-पंजाब में बारिश, पंचकूला-हरिद्वार हाईवे धंसा
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...
प्रतिदिन धूप-दीप दिखाते हुए इस यंत्र की पूजा अर्चना करें।
दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद
स्फटिक शिवलिंग को स्थापित करने की विधि:
लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्। तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।
आपको बता दें कि सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इसी के साथ सोमवार के दिन भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक भगवान शिव की पूजा करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा उस पर बनती है। इसके अलावा सभी शिवलिंग की पूजा में पारद शिवलिंग की पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।
पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
साथ ही इसका आकार आपके अंगूठे के ऊपर वाले पोर से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए।
जैसे- स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेउधारी शिवलिंग, सोने और चांदी के शिवलिंग और पारद शिवलिंग. इनमें से website नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी मानी जाती है.
शिवलिङ्ग शिव की निराकार पूजा है ॥ २७ ॥ -महा० अनु० पर्व अ० १४
अभिषेक मध्ये तुप , पाणी , गंगाजल , मध, (पाच वस्तूने बनविलेले पंचामृत) , वापर करू शकता.
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